School Reopening Guidelines: स्कूलों के लिए जारी हुआ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP), कुछ हफ़्तों तक नहीं होगा बच्चों का कोई असेसमेंट

School Reopening Guidelines, Updates From Ministry Of Education: कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने शिक्षण संस्थानों को लंबे समय के लिए बंद रखा था लेकिन अब उन्हें खोलने के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य की कोरोना स्थिति के आधार पर स्कूल और कॉलेज खोल सकेगी। अर्थात जल्द ही स्कूल और कॉलेजों में ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यमों से पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने स्कूलों के लिए SOP अर्थात ‘स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर’ जारी की किया है। केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की मानें तो स्कूलों के खुलने के बाद कुछ हफ्तों तक बच्चों का कोई असेसमेंट नहीं होगा। बच्चों की फिजिकल फिटनेस के साथ मेंटल हेल्थ और इमोशनल सेफ्टी पर भी शिक्षण संस्थानों को ध्यान देना होगा। पैरेंट्स की पूर्ण सहमति के साथ ही बच्चे स्कूल जाकर पढ़ सकेंगे।

School Reopening Guidelines: 2 हिस्सो में बटा हुआ है स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP)

हाल ही में केंद्र शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने टि्वटर हैंडल के जरिए स्कूलों के लिए जारी किए गए इस नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की जानकारी दी। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस SOP को दो हिस्सों में बांटा गया है। जहां इस नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के पहले हिस्से में स्कूल खोलने के दौरान बच्चों की हेल्थ सेफ्टी के बारे में गाइडलाइंस है तो वही दूसरे हिस्से में सोशल डिस्टेंसिंग, एकेडमिक पहलुओं से जुड़े हुए गाइडलाइंस दिए गए हैं।

SOP Guidelines For School: ये है SOP के पहले हिस्से की गाइडलाइंस

• स्कूल केम्पस के सभी हिस्सो में साफ-सफाई रहना आवश्यक।
• शिक्षण संस्थानों को इमरजेंसी केयर सपोर्ट टीम या रिस्पॉन्स टीम, जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इंस्पेक्शन टीम बनाकर उनमे जिम्मेदारियां बाटनी होगी।
• राज्यों के द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें।
• बच्चों की सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ सेफ्टी फॉलो हो सके।
• बच्चों को बीच में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करवाया जाए।
• कुछ समय के लिए फ़ंक्शंस और इवेंट्स को टाला जाए।
• एंट्री और एग्जिट के लिए अलग अलग टाइम सेट किया जाए।
• सभी बच्चे फेस कवर या मास्क पहनकर स्कूल आयें।
• स्कूलों में सोशल डिस्टनिंग बनाये रखने के लिए पोस्टर और साइन्स लगाए जाए।
• जो बच्चे घर से पढ़ना चाहें उन्हें घर से पढ़ने की इजाजत दी जाए।
• बच्चों पर ज्यादा भरना डालने के लिए एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जाए।
• परीक्षा और अवकाशों के पैटर्न में जरूरी बदलाव किये जाए।
• स्कूल की रिओपनिंग से पहले यह देखा जाए कि बच्चों के पास शिक्षण सामग्री है या नहीं।
• या तो स्कूल में हेल्थ केयर अटेंडेंट, नर्स, डॉक्टर और काउंसलर की या तो मौजूदगी हो या फिर आसपास की दूरी पर सुविधाएं मौजुद हो।
• शिक्षकों और छात्रों के रेगुलर हेल्थ चेकअप का इंतजाम किया जाए।
• जब बच्चे या फिर स्कूल के स्टाफ का स्वास्थ्य ठीक ना हो तब वह घर पर रह कर पढ़ सके और पढा सकें।

SOP

SOP के दूसरे हिस्से की गाइडलाइंस

• बच्चों पर एक साथ पढ़ाई का ज्यादा भार ना डालते हुए एकेडमिक कैलेंडर को तैयार किया जाए।
• लर्निंग आउटकम को मध्य नजर रखते हुए कॉम्प्रिहेंसिव और अल्टरनेटिव कैलेंडर तैयार किया जाए।
• बच्चों को स्कूल में इकट्ठा होने से रोका जाए।
• फेस टु फेस इंस्ट्रक्शन, इंडिविजुअल असाइनमेंट्स, ग्रुप बेस्ड प्रोजेक्ट और ग्रुप प्रेजेंटेशंस आदि के माध्यम से टीचर्स को बच्चों  के करिकुलम के रोडमैप और मोड ऑफ लर्निंग के बारे में बताया जाए। इससे बच्चों को सीखने में मदद मिलेगी।
• स्कूल के असाइनमेंट की तारीखों के बारे में बच्चों से बात की जाए।
• पढ़ाई के अलग-अलग तरीकों जैसे कि वर्कबुक, वर्कशीट्स, टेक्नोलॉजी बेस्ड रिसोर्सेस आदि के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाए इससे बच्चों के बीच में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
• स्कूल अपने कैलेंडर और एनुअल करिकुलम प्लान पर दोबारा सोचे जिससे कि लॉकडाउन के दौरान घर में रहकर पढ़ने वाले बच्चे आसानी से फॉर्मल स्कूलिंग पर लौट सकें।

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