मराठा सम्राट शिवाजी महाराज का नाम इतिहास के सबसे शूरवीर शासकों में लिखा जाता हैं। शिवाजी राजे ने अपनी बुद्धि, बल और रणनीति के दम पर क्रूर मुगल शासकों के साम्राज्य को बिखेर के रख दिया था। इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि शिवाजी का नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हुआ हैं। देश के इतिहास में उनकी एक अहम भूमिका थी और आज ही के दिन (6 जून, 1674) उनका राज्याभिषेक हुआ था। उनके राज्याभिषेक के दिन महाराष्ट्र सहित पूरे देश मे त्यौहार मनाया जाता हैं। Shivaji Maharaj Rajyabhishek Diwas को ‘शिवराज्याभिषेक दिवस’ के नाम से भी जानते हैं।
Shivaji Maharaj Rajyabhishek : 6 जून 1674 को हुआ था शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक
आज से करीब 347 साल पहले क्रूर मुगल शासकों को हराकर शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य स्थापित करने के बाद देश के सबसे शूरवीर शासकों में से एक शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया था और उसके बाद से हर साल इस दिन शिवाजी महाराज राज्य अभिषेक दिवस मनाया जाता है। शिवाजी महाराज उन लोगों में से एक थे जो सुराज्य नहीं बल्कि स्वराज्य प्राप्त करना चाहते हैं। जहां एक तरफ क्रूर मुगल शासक जनता पर अत्याचार करते थे तो वहीं दूसरी तरफ शिवाजी महाराज के लिए उनके लोग और उनकी प्रजा ही सबकुछ थी।
6 जून 1674 से पहले शिवाजी एक स्वतंत्र शासक और एक वीर योद्धा थे लेकिन उन्हें एक राजा के तौर पर स्वीकार नहीं किया गया लेकिन 6 जून 1674 को उनका राज्याभिषेक हुआ और उसके बाद उन्हें एक शासक के तौर पर स्वीकार किया गया। शिवाजी ने काफी कम उम्र में ही युद्ध करने की कई तकनीकी सीख ली थी और उनकी रणनीति शुरुआत से ही मजबूत हुआ करती थी। उनका जन्म साल 1930 में हुआ था और काफी कम उम्र में ही उन्होंने टोरना किले पर कब्जा कर लिया था और धीरे धीरे मुगलो से उनका साम्राज्य छीनना शुरू कर दिया था।
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