Stories Behind Lohri 2021: हम सभी एक ऐसे देश में रहते हैं जहां कहा जाता है कि ‘एकता में अनेकता भारत की विशेषता’! अर्थात हमारे देश में कई धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं, और एक दूसरे के धर्म और सभ्यता का आदर करते हैं। हमारे देश में हर साल हजारों त्यौहार मनाए जाते हैं, और उन्हीं में से एक त्यौहार है लोहड़ी! अन्य कई त्योहारों की तरह ही लोहड़ी (Lohri) से जुड़ी हुई भी कई मान्यताएं और कथाएं प्रचलन में है। लेकिन हम लोहड़ी (Lohri) के बारे में बात करेंगे और लोहड़ी से जुड़ी हुई मान्यताओं और कहानियों पर नज़र डालेंगे।
श्री कृष्णा ने किया था लोहिता का वध
लोहड़ी (Lohri) को लेकर एक मान्यता यह है कि राक्षस कन्स ने भगवान विष्णु के अवतार बल कृष्णा को मारने के लिए लोहिता नामक एक राक्षसी को भेजा था। श्री कृष्ण ने उस राक्षसी को खेल खेल में ही मार डाला था। उसी घटना के बाद से लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी को मकर संक्रन्ति से एक दिन पहले मनाने का कारण भी यही है।
भगवान शंकर और सती की कथा
लोहड़ी से जुड़ी हुई एक अन्य कथा के अनुसार भगवान शंकर की पहली पत्नी सती अर्थात राजा दक्ष की बेटी अपने पिता के द्वारा करवाये गए एक यज्ञ में नहीं बुलाई गई थी, परन्तु जिद करते हुए उन्होंने उस यज्ञ में भाग ले लिया। वहां भगवन शंकर का काफी अपमान किया गया। अपने पति के अपमान से दुःखी होकर देवी सती ने खुद को अग्नि के हवाले कर लिया। इस वजह से लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है।
दुल्ला भट्टी की कहानी
लोहड़ी से जुड़ी हुई सबसे लोकप्रिय कथा दुल्ला भट्टी की है। कहा जाता है कि मग सम्राट अकबर के साम्राज्य ने पंजाब राज्य में एक दुल्ला भट्टी नामक एक लुटेरा रहता था। कहने को तो वह एक लुटेरा था, लेकिन गरीब लोगों के लिए वह एक मसिहा जैसा था। वह अमीरों का पैसा लूटकर गरीबो में बाट दिया करता था, और बाजार में बेचे जाने वाली लड़कियों को बचाकर उनकी शादियां करवा देता था। उसी दुल्ला भट्टी के ऊपर यह लोहड़ी का त्यौहार आधारित है। इस त्यौहार को दुल्ला भट्टी नाम से भी जाना जाता है।