वाराणसी case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद कल से सर्वे शुरू हो सकता है। इस फैसले के बीच सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। दरअसल सिविल जज रवि कुमार दिवाकर जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण को जारी रखने का आदेश दिया और ज्ञानवापी-मस्जिद का वीडियो सर्वे करने के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील को बदलने की याचिका को खारिज कर दिया। गुरुवार को वाराणसी लोअर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने 17 मई को सर्वे रिपोर्ट मांगी है। यह भी कहा है कि सर्वे चाहे ताला खुलवाकर हो या ताला तोड़कर हो, इसे रुकना नहीं चाहिए।
परिवार को सताने लगी है चिंता व सुरक्षा
रवि कुमार दिवाकर के फैसले से उनके परिवार को सताने लगी उनकी सुरक्षा की चिंता व्यक्त की है। रवि कुमार दिवाकर के फैसले से उनके परिवार को सताने लगी उनकी सुरक्षा की चिंता व्यक्त की है। दिवाकर ने कहा, ‘इस मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है।
डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी (परिवार की) सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं। जब भी मैं घर से बाहर रहता हूं तो मेरी पत्नी और माँ को मेरी सुरक्षा की चिंता सताती है। इस साधारण से मामले को असाधारण बना दिया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट का आदेश
सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 26 अप्रैल को मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए 6 मई का दिन तय किया था।
मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और कोर्ट कमिश्नर को बदलने को लेकर 3 दिन तक सुनवाई चली। कोर्ट के फैसले में साफ साफ शब्दों में कहा गया कि अगर कोई सर्वे करने से रोके या फिर वीडियोग्राफी से रोका तो उस पर FIR दर्ज की जाएगी लेकिन हर हाल में सर्वे का काम किया जाएगा।