उदयपुर में दर्जी की हत्या घटना का इंजाम तालिबानी रूप से दिया गया
उदयपुर में मंगलवार को दर्जी कन्हैयालाल की दुकान पर रियाज मोहम्मद अत्तारी और उसका साथी कपड़े का नाप देने आते हैं। दर्जी उनका नाप भी लेता है और अचानक अत्तारी इस टेलर की गला रेत कर शर्मशार हत्या कर देता है। फिर उसका साथी इसका वीडियो भी बनाता है। और उसे वायरल भी करता है दोनों इस हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो वायरल भी करते हैं। इस दर्दनाक हत्या के बाद भी उदयपुर पुलिस घटना के 4 घंटे बाद अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कन्हैयालाल को छः दिन पहले से मिल रही थी धमकी
हैरान करने वाली बात तो यह है कि छह दिन पहले खुद को मिल रही धमकियों की शिकायत कन्हैयालाल ने पुलिस को भी की थी लेकिन पुलिस ने उसकी सुरक्षा के लिए कुछ भी इंतजाम नहीं किया था। छह दिन तक डर के मारे उसने अपनी खुद की दुकान को भी बंद रखा लेकिन पुलिस ने फिर भी कुछ नहीं किया। इस बात को लेकर जंगलराज नहीं तो फिर क्या बोले।
किस प्रकार से दिया गया है इस घटना को इंजाम
हम आप लोगो को बता दे की वीडियो को देखकर ऐसा लगता नहीं कि कोई हिंदुस्तानी व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म का हो, ऐसी दर्दनाक हत्या को अंजाम दे सकता है। इस घटना के बारे में जरा आप लोग भी सोचिये की कोई एक कौम का आदमी अमुक कौम के आदमी को अपनी दुकान में घुसने देगा? आखिर कोई कन्हैयालाल कब तक मरता रहेगा और क्यों? कब से लोग आजादी से जिये गे ऐसे कृत्यों से नफरत फैलती है और यह काम ही नफरत बोने के लिए किया गया है। दर्जी का दोष केवल यह था कि उसने नूपुर शर्मा के फोटो को DP बना लिया था।
जब घटना हो जाती है तो भाजपा और राजस्थान सरकार की ओर से एक- दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते रहे। लेकिन इस तरह की गंभीर घटनाओं पर आरोप- प्रत्यारोप से तो कम से कम राजनैतक पार्टियों को बचना चाहिए। एक सरकार के तौर पर, एक राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर सबसे ज्यादा संयम की भरतने की जरूरत है जो हर हाल में बरतना ही चाहिए। दरअसल, आज सोशल मीडिया पर जहर की जो बीज बोया जा रहा है उस पर न तो सरकार का कोई नियंत्रण है न समाज का।
कन्हैयालाल की दर्दनाक हत्या का क्या था पूरा मामला
कोई भी सिरफिरा किसी भी व्यक्ति या कौम के खिलाफ जहरीला वाक्य सोशल मीडिया पर डालता है और हम भीड़ के भीड़ उसके पक्ष या उसके खिलाफ वहां भिड़ पड़ते हैं। इसे नफरत फैलती जाती है और फिर इस तरह की घटना को इंजाम देती है। यह घटना निश्चित तौर पर हिंदुस्तानी भाईचारे की भावना की एक निर्मम हत्या है। ऐसी घटनाओं का इरादा रखने वाले व्यक्ति के इरादे को बलपूर्वक कुचलना ही चाहिए, चाहे वह किसी भी कौम या समाज का क्यों न हो। आश्चर्यजनक यह भी है कि छोटे छोटे ट्टिवट पर अंकुश लगाने वाली व्यवस्था तब कहां गई थी जब दर्जी का गला काटने और उसकी जिम्मेदारी लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था?
उदयपुर में दर्जी की हत्या वाला वीडियो हुआ वायरल देखे आप लोग भी किस प्रकार से की गयी हत्या।
नूपुर शर्मा जिसने दूसरी कौम के आराध्य के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। हैरत की बात यह है कि नूपुर शर्मा जब यह टिप्पणी करती हैं, हमारी व्यवस्था तब भी मूकदर्शक रहती है और बदले में जब नूपुर की हत्या की धमकी दी जाती है, हमारी व्यवस्था तब भी मूकदर्शक ही रहती है। यह कैसा दौर है? सरेआम एक दर्जी को दूसरी कौम के लोग धमकी देते हैं और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है।
#उदयपुर के इन जेहादी आतंकियों का फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चला कर जल्द से जल्द सरे आम फांसी दी जानी चाहिए।
इस गरीब दर्जी की हत्या #Zubair के सर पर है। pic.twitter.com/nrsfXfzG5y— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) June 28, 2022
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