Kisan Andolan (Farmers Protest): जानें किसान आंदोलन का क्या है कारण और क्या चाहते हैं किसान?

What Is The Main Reason Behind Kisan Andolan/Farmers Protest: दिल्ली में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) जोरों शोरों पर है। दिल्ली की सीमा पर पंजाब और हरयाणा के कई किसान केंद्र सरकार के द्वारा हाल ही में एग्रीकल्चर सेक्टर को लेकर बनाए गए 3 नियमों का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी इन तीन नए कृषि नियमों (Farmers Law) का जमकर विरोध किया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर सोमवार को किसानों के धरने प्रदर्शन का पांचवा दिन था। इस धरने के दौरान किसानों ने अपनी कई मांगे अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के सामने रखी जिनमें से एक यह हैं कि ‘सरकार एमएसपी से कम कीमत पर ख़रीद को अपराध घोषित करे और एमएसपी (MSP) पर सरकारी ख़रीद लागू रहे’।

Kisan Andolan

Kisan Andolan: जानें क्यों हो रहा है यह किसान आंदोलन?

दिल्ली के बॉर्डर के अलावा पूरे देश में जगह-जगह पर लोग किसानों के समर्थन के लिए आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार से किसानों की मांग पूरी करने की मांग कर रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी किसानों के पास एक ऐसा विकल्प होता है, जहां पर वह एक निश्चित न्यूनतम मूल्य पर अपना अनाज सरकार को बेच पाते हैं। किसानों को लग रहा है कि इन नए कानूनों के आने से एमएसपी को हानि होगी। यह बात किसानों को भी पता है कि एमएसपी पर कई बार काफी कम कीमत के द्वारा किसानों को लूटा गया है और बिचौलिया के द्वारा भ्रष्टाचार किया गया है। लेकिन किसानों के लिये फिर भी एमएसपी काफी मायने रखता है। उसी एमएसपी (MSP) के बचाव के लिये यह आंदोलन (Kisan Andolan) हो रहे हैं।

किसानो की मांग हैं कि जो लोग एमएसपी (MSP) से भी कम मूल्य में अनाज खरीदते हैं और बेस्ड में उसे बेचकर अधिक कमाते हैं उनके खिलाफ सख्त कानून बनाये जाए और सरकार एमएसपी पर सरकारी खरीद जारी रखे ताकि किसान अपनी फसल को न्यूनतम कीमत समर्थन मूल्य पर बेच सकें।

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Farmers Protest: खुद प्रधानमंत्री कर चुके हैं इस मुद्दे पर ट्वीट

इन नए कृषि नियमों (Farmers Law) के आने के बाद विपक्षी दलों ने इन नियमों को एमएसपी (MSP) का अनंत बताना शुरू कर दिया था जिसके चलते लोग किसानों के लिए न्याय मांगने लगे थे, लेकिन 20 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि ‘इन नियमों का एमएसपी से कोई लेना देना नहीं है। मैं पहले भी कहा चुका हूँ और एक बार फिर कहता हूँ, MSP की व्यवस्था जारी रहेगी, सरकारी ख़रीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे’।

किसान जाते हैं कि सरकार यह बात बिल पर लिखकर दे और फिर बिल को जारी करे। लेकिन इसपर सरकार की दलील है कि इससे पहले के कानूनों में भी ये बात लिखित में नहीं की गई थी। इसलिए नए बिल में इसे शामिल नहीं किया गया। अगर देखा जाए तो खरीद चालू रखना और उससे कम पर खरीद को अपराध घोषित करना सरकार के लिए इतना आसान नही हैं। लेकिन सरकार यह बात कन्फर्म कह रही है कि एमएसपी चालू है और चालू रहेगा।

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