Pfizer COVID-19 Vaccine UK: कोरोना वायरस की शुरुआत से ही दुनिया में कुछ इस तरह से बदलाव आए कि लोग इस वायरस की वैक्सीन का इंतजार करने लगे। लम्बे समय तक टेस्टिंग्स में वैक्सीन के असर कम दिखे लेकिन अब वैक्सीन लोगों तक पहुचती हुई नजर आ रही है। दस महीने में यह वैक्सीन ब्रिटेन में तैयार हो चुकी है। बता दें कि यह कोरोना वैक्सीन दुनिया की ऐसी पहली वैक्सीन है जिस पर ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी ने मुहर लगाई है। यह पहली ऐसी वैक्सीन है जिसे बड़े पैमाने पर लोगों को बांटने के लिए मंजूरी दे दी गयी है। न्यूज़ रिपोर्ट्स की मानें तो ब्रिटेन में अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस की वैक्सीन लोगों को मिलना शुरू हो जाएगी। यह वैक्सीन 95 प्रतिशत तक असरदार बताई जा रही है और खास बात यह है कि यह पूर्ण रूप से सुरक्षित भी है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
6 करोड़ 40 लाख लोग आ चुके हैं कोरोना की चपेट में
कोरोना अब तक कि सबसे बड़ी विश्व आपदाओं में से एक मानी जा रही है। कोरोना की वजह से न केवल भारत, चीन और अमेरिका जैसे बड़े देश बल्कि कई छोटे देशों का भी संतुलन बिगड़ गया है। कोरोनावायरस की चपेट में अब तक 6 करोड़ 40 लाख से भी अधिक लोग आ चुके हैं। इन 6 करोड़ 40 लाख लोगों में से 14 लाख 81 हजार लोग वायरस की वजह से मर चुके हैं। अगर भारत के कोरोनावायरस के आकड़ों की बात की जाए तो भारत में 95 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1 लाख 48 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं।
सरकारी एजेंसी ने किया वैक्सीन को अप्रूव
ब्रिटेन में आखिरकार दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन आ गई है जिसे सरकारी एजेंसी ने अप्रूव कर दिया है। इस वैक्सीन को फाइजर-बायोएनटेक कहा जा रहा है जो जल्द ही लोगों को मिलना शुरू हो जाएगी। बता दें कि यह वैक्सीन ‘फाइजर-बायोएनटेक’ को एक अमेरिकी कम्पनी फाइजर और जर्मनी कम्पनी बायोएनटेक ने मिलकर बनाया है। अगले कुछ दिनों में ही इस वैक्सीन को लोगों को सप्लाई करना शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि ब्रिटेन ने पहले ही चार करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दे रखा है जो दो करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए काफी है। ब्रिटेन की ‘मेडिसिन और हेल्थकेयर प्रोडक्ट रेगुलेटरी एजेंसी’ ने इसे शत प्रतिशत सुरक्षित भी माना है।
जानें भारत में क्या है कोरोना वैक्सीन को लेकर हालात?
कुछ विशेषग्यो को मानना है कि तापमान संबंधित विविधताओं के कारण ब्रिटेन की वैक्सीन शायद भारतीय लोगों पर काम नहीं कर पायेगी। लेकिन भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि वैक्सीन लाने के मामले में भारत ज्यादा पीछे नहीं हैं। देश में कुछ वैक्सीन ट्रायल के अंतिम चरण में बताई जा रही है। यह ट्रायल पूरा होते ही सरकार की तरफ से वैक्सीन को अप्रूव कर दिया जाएगा। रिपोर्ट्स की मानें तो फरवरी तक देश को अपना खुद का वैक्सीन मिल जाएगा। देरी इसलिए हो रही है क्योंकि वैक्सीन को अधिक असरदार और सुरक्षित बनाने के लिये जोरों शोरो से काम किया जा रहा है।